Nasa's spacecraft "Parker Solar Probe" touched the sun |
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA (National Aeronautics and Space Administration) के अंतरिक्ष यान(spacecraft) "Parker Solar Probe" ने सूर्य को छूकर इतिहास रच दिया है. इतिहास में पहली बार किसी अंतरिक्ष यान ने सूर्य के कोरोना को छुआ है. जिसका वातावरण(temprature) करीब 20 लाख डिग्री फारेनहाइट (20,00,000°F) रहता है. इसे सोलर विज्ञान और अंतरिक्ष की दुनिया में नासा के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है.
Parker Solar Probe ने 28 अप्रैल को सूर्य के ऊपरी वायुमंडल कोरोना में सफलतापूर्वक प्रवेश किया और उड़ान भरी. फिर उसने सूर्य की सतह पर स्थित कणों और चुंबकीय क्षेत्रों (Magnetic field) का नमूना लिया. ये सफलता Harvard & Smithsonian में CFA (Centre for astrophysics) के सदस्यों सहित वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के बड़े स्तर पर किए गए सहयोग के कारण संभव हो सकी है. इन्होंने spacecraft में लगे एक महत्वपूर्ण उपकरण "Solar Probe Cup" का निर्माण किया और फिर उसकी निगरानी की.
गर्मी से बचाने के लिए उपकरण का निर्माण उन सामग्रियों से किया गया था, जिनमें टंगस्टन, नाइओबियम, मोलिब्डेनम और नीलम जैसे हाई मेल्टिंग पॉइंट मौजूद हैं. पृथ्वी के विपरीत, सूर्य की कोई ठोस सतह नहीं है. लेकिन इसमें अत्यधिक गर्म वातावरण होता है, जो गुरुत्वाकर्षण और चुंबकीय बलों द्वारा सूर्य से बंधी सौर सामग्री से बना होता है (Corona of Sun). वहीं कोरोना सूर्य के वायुमंडल की सबसे बाहरी परत होती है, जहां मजबूत चुंबकीय क्षेत्र प्लाज्मा को बांधते हैं और सौर हवाओं को बाहर निकलने से रोकते हैं. नासा के अनुसार, पार्कर सोलर प्रोब की सफलता तकनीकी इनोवेशन से कहीं अधिक है. इस अंतरिक्ष यान की ऐतिहासिक उपलब्धि ने सूर्य के बारे में सदियों पुराने रहस्यों को सुलझाने की उम्मीद जगा दी है.
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☀️ Our #ParkerSolarProbe has touched the Sun!
— NASA (@NASA) December 14, 2021
For the first time in history, a spacecraft has flown through the Sun's atmosphere, the corona. Here's what it means: https://t.co/JOPdn7GTcv
#AGU21 pic.twitter.com/qOdEdIRyaS
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