मंगल ग्रह पर पानी की सबसे बड़ी खोज. 41,543 वर्ग किलोमीटर के इलाके में पानी ही पानी मौजूद है.


मंगल ग्रह से बड़ी खुशखबरी आई है. यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) और रूसी स्पेस एजेंसी (Roscosmos) के 'मंगलयान' एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (ExoMars Trace Gas Orbiter) ने मंगल ग्रह के ग्रैंड कैनियन (Grand Canyon) वैलेस मैरिनेरिस (Valles Marineris) में भारी मात्रा में पानी को खोजा है. यह पानी सतह से एक मीटर नीचे जमीन के अंदर मौजूद है.

असल में यह यान मंगल की सतह पर हाइड्रोजन की खोज कर रहा था, लेकिन वह इतनी बड़ी जानकारी हासिल करेगा, यह अंदाजा यूरोप और रूस के वैज्ञानिकों को भी नहीं था. आइए जानते हैं कि आखिर मंगल ग्रह के किस कोने पर इतना ढेर सारा पानी मिला है. 


यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) और रूसी स्पेस एजेंसी (Roscosmos) का 'मंगलयान' ExoMars मंगल ग्रह का चक्कर लगा रहा है. इस यान पर मौजूद FREND पेलोड मंगल ग्रह के चारों तरफ हाइड्रोजन की खोज में लगा था,ताकि पानी की मौजूदगी का पता किया जा सके. लेकिन अचानक उसे वैलेस मैरिनेरिस ग्रैंड कैनियन (Valles Marineris Grand Canyon) की जमीन के अंदर भारी मात्रा में पानी की मौजूदगी का पता चला. यह जानकारी मिलते ही यूरोप और रूस के वैज्ञानिक हैरान रह गए. क्योंकि पानी की मात्रा का अनुमान किसी ने नहीं लगाया था.

ये बात सबको पता है कि मंगल ग्रह पर पानी था. अब भी वहां बर्फ देखने को मिल जाती है, खास तौर पर मंगल ग्रह पर जब सर्दियों का मौसम आता है. ये नजारा आमतौर पर मंगल ग्रह के ध्रुवीय इलाकों में देखने को मिलता है. लेकिन बर्फीले पानी की उम्मीद मंगल की भूमध्यरेखा के नजदीक नहीं की जाती, क्योंकि वह आमतौर पर गर्म रहता है. लेकिन भूमध्यरेखा के पास स्थित Valles Marineris Grand Canyon की गहराई में पानी मौजूद है

इससे पहले यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के मार्स एक्सप्रेस ने भी मंगल ग्रह पर नीयर-सरफेस वाटर (Near Surface Water) के सबूत जुटाए थे. ये पानी धूलकणों और खनिजों के बीच मौजूद थी. खासतौर पर मंगल ग्रह की सतह से गहराई वाले या अंधेरे वाले इलाकों में. लेकिन इनकी मात्रा बेहद कम थी. लेकिन एक्सोमार्स ने जो खोज की है वो हैरान करने वाली है क्योंकि उसने ढेर सारे पानी की मौजूदगी का पता लगाया है. 

मॉस्को स्थित Space Research Institute of the Russian Academy of Sciences के साइंटिस्ट "Igor Mitrofanov" ने कहा कि ExoMars Trace Gas Orbiter (TGO) मंगल ग्रह की सतह के एक मीटर नीचे तक देख सकता है. यह भी पता लगता सकता है कि पानी की मौजूदगी कहां ज्यादा है, कहां कम है. जो कि अब तक भेजे गए किसी भी यान के पेलोड ने नहीं देखा था. इसका Fine Resolution Epithermal Neutron Detector (FREND) पेलोड पानी खोजने में मास्टर है.

FREND(Fine Resolution Epithermal Neutron Detector) ने Valles Marineris में एक खास जगह को लोकेट किया है, जहां पर जमीन की सतह के नीचे हाइड्रोजन पानी के कणों के रूप में मौजूद है. यहां पर 40 फीसदी से ज्यादा इलाका पानी से भरा हुआ है. यह इलाका नीदरलैंड्स (Netherlands) देश जितना बड़ा है. यानी 41,543 वर्ग किलोमीटर के इलाके में पानी ही पानी मौजूद है. मंगल ग्रह पर यह पानी की सबसे बड़ी खोज है.



Post a Comment

Previous Post Next Post