2021 की 6 दिलचस्प Space घटनाएं जो कभी नामुमकिन लगता था। आज वो सब मुमकिन हो चुका है।

[Credit : NASA ]

जैसे-जैसे तकनीक विकसित होती जाती है, नई-नई वैज्ञानिक खोज और नई अवधारणाओं के अस्तित्व में आने की गति भी बढ़ती जाती है.वो सारी चीज़ें जो पांच साल पहले तक नामुमकिन लगती थीं या जो सदियों से सिर्फ़ कल्पना का हिस्सा थीं, वो सब अब आसानी से साकार हो रही हैं। हम ऐसी ही स्पेस से जुड़ी 6 घटनाएं आपको बताने वाले है जो 2021 में घटी


[ Parker Solar Probe ; Credit : NASA ]

1.सूरज की बाहरी सतह को छूकर गुज़रा पार्कर प्रोब

नासा के अंतरिक्षयान पार्कर सोलर प्रोब ने पहली बार सूरज के पर्यावरण की बाहरी सतह को स्‍पर्श किया. सूरज के वातावरण की सतह जिसे कोरोना के नाम से जाना जाता है, उसे छूने में इस मिशन ने सफलता पाई. अब तक इस सतह तक पहुंचा नहीं जा सका था.

यह अभूतपूर्व घटना बीते साल के अप्रैल महीने में घटी थी लेकिन कोरोना को छूकर गुज़रने की बात आंकड़ों के विश्लेषण के बाद ही सामने आ पाई.

पार्कर प्रोब को इस दौरान भारी विकिरण और भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा, लेकिन सूरज किस तंत्र के तहत संचालित होता है यह आंकड़ा इसने हासिल कर लिया.

नासा में सोलर फ़िजिक्स के निदेशक निकोला फ़ॉक्स के मुताबिक, "सूर्य के वातावरण तक पहुंचना इंसानों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह जानकारी पृथ्वी के सबसे नज़दीक के तारे सूरज को लेकर हमारी समझ को बढ़ाएगा. इससे हमें सौर मंडल पर सूर्य के प्रभाव को समझने में भी आसानी होगी".

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[ Photo Credit : NASA ]

2.पर्सिवियरेंस रोवर: मंगल पर कदम रखने के लिए बड़ी पहल

मंगल ग्रह पर कदम रखने के लिए इंसान लंबे समय से तैयारी करता रहा है लेकिन अब यह सपना पर्सिवियरेंस रोवर की बदौलत हक़ीक़त में तब्दील हो गया है. नासा के परज़ेवेरेंस रोवर ने साल 2021 में मंगल की सतह पर पहली बार कदम रखा.

छह पहियों पर दौड़ने वाला यह रोवर अगले दो सालों तक मंगल ग्रह की सतह का जायज़ा लेगा, वहां मौजूद चट्टानों की ड्रिलिंग कर उनके नमूने इकट्ठा करेगा और इस ग्रह पर जीवन की संभावनाओं की तलाश करेगा.

मंगल ग्रह पर पहली बार 'इनजेन्यूटी' नाम के एक हेलीकॉप्टर ने भी उड़ान भरी.ये उड़ान एक मिनट से भी कम समय के लिए थी. लेकिन बड़ी बात यह है कि इससे पहले कभी इंसान द्वारा बनाए किसी हेलीकॉप्टर को किसी अन्य ग्रह पर नहीं उड़ाया गया है.

6 सितंबर को नासा के पर्सिवियरेंस रोवर ने अपने पहले चट्टान के नमूने को इकट्ठा करने में कामयाबी हासिल की. कुछ दिनों के बाद इसने और अधिक चट्टानों के नमूने इकट्ठे किए. बाद में इस रोवर को जेज़ेरो क्रेटर से बेडरॉक के नमूने हासिल करने में भी कामयाबी मिली. माना जा रहा है कि यह शुरुआत है क्योंकि आने वाले वक्त में परज़ेवेरेंस 24 और चट्टानों के नमूने एकत्र करने की योजना पर काम कर रहा है.

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[ Photo Credit : NASA ]

3.बृहस्पति की ओर चला मिशन लूसी

अक्टूबर में लॉन्च किया गया 'मिशन लूसी' हमारे सौर मंडल के जीवाश्म माने जाने वाले छोटे ग्रह समूहों (क्षुद्र ग्रहों) का अध्ययन करेगा.

छोटे ग्रहों का एक समूह बृहस्पति की परिक्रमा करता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये छोटे ग्रह अपने आप में आदिकालीन चीज़ों को समेटे हुए होंगे जो हमारे सौर मंडल के जन्म और विकास की पहेली को सुलझाने की क्षमता रखते हैं.

इसे समझने के लिए ही लूसी मिशन को बृहस्पति ग्रह की ओर प्रक्षेपित किया गया था.

हाल ही में नासा के स्पेसक्राफ्ट ने जुपिटर के सबसे बड़े चांद के रहस्मयी आवाज को रिकॉर्ड किया , सुनने के लिए लिंक पर क्लिक करे :

[ James Webb Telescope ; Photo Credits: Northrop Grumman ]

4.दूसरे ग्रह पर ज़िंदगी की पहेली को सुलझाने के लिए विशाल दूरबीन

पृथ्वी पर अब तक का सबसे बड़ा जेम्स वेब टेलिस्कोप 25 दिसंबर को फ्रांस के गुयाना से अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था.

यह सुपर टेलिस्कोप ब्रह्मांड को अच्छे से समझने में मदद करेगा और पृथ्वी के अलावा कहीं और जीवन है या नहीं इस बारे में जानकारी इकट्ठा करने की मदद करेगा.

यह टेलिस्कोप 13.5 अरब साल पहले ब्रह्मांड में चमकने वाले तारों की रोशनी को मापने में मददगार साबित होगा. इतना ही नहीं, जेम्स वेब टेलिस्कोप दूसरे ग्रहों की वायुमंडलीय परतों में मौजूद अणुओं की भी जांच करेगा और बाहरी अंतरिक्ष में जीवन के अस्तित्व का पता लगाएगा.
[ Credit: NASA / JPL-Caltech ]

5.ब्लैक होल से रोशनी ?

अमेरिकी और यूरोपीय टेलिस्कोप की खोज ने दुनिया को यह बताया है कि अंतरिक्ष में ब्लैक होल के आसपास बहुत तेज विकिरण एक्स-रे उत्सर्जन होता है. यह पहली बार है जब किसी ब्लैक होल से प्रकाश की खोज की गई है.

इस रिसर्च में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी से एक्सएमएम-न्यूटन और नासा से नूस्टार-न्यूक्लियर स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेलीस्कोप ऐरे का इस्तेमाल किया गया था.

अमेरिका में स्टैनफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के डैन विल्किंस ने इस रिसर्च के दौरान अंतर्राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व किया.
[ Photo Credit : Virgin Galactic ]

6.अंतरिक्ष यात्रा बनेगा पर्यटन

ब्रिटेन के व्यवसायी रिचर्ड ब्रैनसन हमेशा अंतरिक्ष की यात्रा करने की ख़्वाहिश रखते थे और उनका यह सपना 71 साल की उम्र में सच हो गया.

उनकी कंपनी वर्ज़िन गेलेक्टिक ने यूनिटी नाम का एक रॉकेट शटल बनाया, जिसने लगभग 85 किलोमीटर की ऊंचाई तक यात्रा की. ये यान बाहरी अंतरिक्ष में वह दाख़िल हुआ और इसने 90 मिनट में सफलतापूर्वक अपनी अंतरिक्ष उड़ान पूरी कर ली.
[ New Shepherd ; Photo Credit : Blue Origin ]
दूसरी ओर, अमेज़ॉन के संस्थापक जेफ़ बेजोस ने अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा ब्लू ओरिज़िन कंपनी के बनाए रॉकेट न्यू शेपर्ड से पूरी की.

इस यात्रा में बेज़ोस के साथ उनके भाई मार्क बेज़ोस, 82 साल की पूर्व पायलट वैली फ़ंक और 18 साल के छात्र ओलिवर डायमेन भी गए थे. ये सभी 10 मिनट और 10 सैकेंड के बाद पैराशूट के जरिए धरती पर वापस लौट आए. उनका रॉकेट 106 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंचा था.

एलन मस्क ने तो स्पेस एक्स के ज़रिए स्टारशिप नाम का दुनिया का सबसे बड़ा रॉकेट डिज़ाइन किया है. इस साल कंपनी के बनाए एक रॉकेट में चार अंतरिक्ष पर्यटक अपनी यात्रा पूरी तक धरती पर लौटे.

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