Photo credit - ISRO |
भारतीय अंतरिक्ष के क्षेत्र में वर्ष 1975 का ऐतिहासिक महत्व है। इसी साल अप्रैल में देश ने अंतरिक्ष में अपना पहला देसी Satelite ‘आर्यभट्ट’ रूस के सहयोग से प्रक्षेपित किया था। इसके बाद इसरो ने ‘SITE’ यानी "Satellite Instructional Television Experiment" की शुरुआत की, जिसका देश में टेलीविजन को बढ़ावा देने में बड़ा योगदान रहा। इसका उद्देश्य उपग्रह प्रसारण के माध्यम से विभिन्न विषयों पर लोगों को शिक्षित करना था।
An ISRO technician next to a working model of the solid-state television set, designed with NASA assistance, for use in SITE. Image courtesy NASA |
यह प्रयोग डा. विक्रम साराभाई का सपना था। उन्होंने इसे 1975-76 के दौरान ATS-6 (Applications Technology Satellite-6) का उपयोग करके शुरू किया था। इसके लिए टेलीविजन कार्यक्रमों का निर्माण Akashvani यानी "All India Radio (AIR)" द्वारा किया गया। यह प्रयोग सफल रहा, क्योंकि इसने भारत को अपने उपग्रह कार्यक्रम INSET (In-Service Education and Training) को विकसित करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
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1975 में जब शहरी भारत में भी टेलीविजन दुर्लभ था, उस दौरान ‘SITE’ की मदद से छह राज्यों- बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान के 2,400 गांवों में स्कूलों व पंचायत केंद्रों में सामुदायिक टीवी सेट स्थापित किए गए थे। इसके लिए भले ही इसरो ने विदेशी उपग्रह का उपयोग किया था, लेकिन उपग्रह से कार्यक्रमों को अपलिंक करने के लिए अर्थ स्टेशन, टीवी सेट जैसे उपकरण भारत में ही तैयार किए गए थे।
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उस दौरान ग्रामीणों के लिए चार भाषाओं (हिंदी, उड़िया, तेलुगु व कन्नड़) में उपयोगी कार्यक्रम तैयार करना भी आसान काम नहीं था। इसमें ग्रामीण स्वास्थ्य, कृषि और विकास से संबंधित कार्यक्रमों को अपनी भाषा में देख सकते थे। साइट बच्चों के लिए शैक्षिक कार्यक्रम भी प्रसारित करती थी। ग्रामीण आबादी को जागरूक करने में भी इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।