Russian Satellite: रूस का बेकाबु खुफिया satellite धरती पर कभी भी इस जगह पर गिर सकता हैं।

अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ रूस का जासूसी सैटेलाइट - फोटो : Pixabay

दुनियाभर में तमाम देशों के वैज्ञानिक अंतरिक्ष में होने वाली गतिविधियों पर नजर जमाए हुए हैं। इसी सिलसिले में समय-समय पर सैटेलाइट और स्पेसक्राफ्ट भी अंतरिक्ष भेजे जाते हैं। कुछ समय पहले रूस ने स्पेस रॉकेट की मदद से जासूसी मिलिट्री सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा था, जिसके बारे में रूस की तरफ से दावा भी किया गया था कि वो कामयाबी के साथ लॉन्च किया जा चुका है। लेकिन अब खबर आ रही है कि ये मिलिट्री सैटेलाइट खराब होकर बेकाबू हो चुका है और अब कभी भी पृथ्वी पर गिर सकता है। ऐसे में 20 टन वजनी रूसी सैटेलाइट के खराब होने और धरती से टकराने की जानकारी के बाद पूरी दुनिया के वैज्ञानिक सकते में हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर ये मिलिट्री सैटेलाइट धरती पर गिरेगा या टकराएगा तो बड़ा नुकसान हो सकता है।

अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ रूस का जासूसी सैटेलाइट - फोटो : Pixabay

विशेषज्ञों का कहना है कि 20 टन का रूसी सैन्य जासूसी सैटेलाइट खराब होने के बाद बेकाबू हो चुका है। ये उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया था लेकिन रॉकेट के अपर स्टेज पर लगा बूस्टर पेरसेई उड़ान के दौरान फेल हो गया। इसी वजह से ये सैटलाइट अपनी सही कक्षा में नहीं पहुंच सका और अब ये सैटेलाइट धरती पर वापस गिर जाएगा।

अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ रूस का जासूसी सैटेलाइट - फोटो : iStock

विशेषज्ञों का कहना है कि ये अनियंत्रित सैटेलाइट और उसमें लगा बूस्टर करीब 20 टन का है और आने वाले कुछ सप्ताह में धरती पर गिर सकता है। हालांकि रूसी सेना के हाई कमांड ने विशेषज्ञों के इस दावे पर अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।

अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ रूस का जासूसी सैटेलाइट - फोटो : istock

रूस ने इस सैटेलाइट को पिछले दिनों स्पेस रॉकेट अंगारा ए-5 की मदद से अंतरिक्ष में भेजा था। रूस का ये रॉकेट जासूसी उपग्रहों, हथियारों और नेविगेशन के लिए जरूरी सैटलाइट को अंतरिक्ष में भेजने के लिए बेहद अहम माना जाता है।

अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ रूस का जासूसी सैटेलाइट - फोटो : Pixabay

विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरिक्ष में बेकाबू हुआ ये रूसी सैटेलाइट धरती पर कहीं भी गिर सकता है, लेकिन ज्यादा संभावना प्रशांत महासागर में गिरने की है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ये प्रशांत महासागर में गिरता है, तो अच्छी बात होगी। इससे धरती पर किसी तरह के नुकसान के होने संभावना कम हो जाएगी।


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